नई दिल्ली (18 अप्रैल 2012, राजेश शर्मा)-
दिल्ली विश्व विद्यालय खेलकूद परिषद द्वारा दिल्ली विश्व विद्यालय के सेमिनार हॉल में 17 अप्रैल से "स्पोर्टस् इकोनॉमी एण्ड विजन ऑफ लंदन ओलंपिक-2012" विषय पर एक तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित किया जा रहा है जिसका उद्घाटन कल स्पोर्ट्स ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के महानिदेशक डी .डी. वर्मा द्वारा किया गया।
उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए श्री वर्मा ने कहा कि खेल प्रतिभाएं देश भर में हैं जरूरत है तो बस उन्हें पहचान कर उचित मार्गदर्शन देने की। इसके साथ ही उन्होंने खेल क्षेत्र में आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए सरकार के साथ-साथ निजी क्षेत्र के साथ भागीदारी करने की जरूरत पर भी बल दिया।
वर्मा ने विश्वास जताया कि इस बार के ओलंपिक में हमें पिछले ओलंपिक खेलों के मुकाबले दुगुने पदक मिलने की संभावनाएं हैं क्योंकि हमारे खिलाङी विभिन्न क्षेत्रों में दिन प्रतिदिन बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय में खेल विभाग अध्यक्ष (प्रॉक्टर) श्रीमती उषा राव ने बहुत ही सारगर्भित भाषण देते हुए कहा मनुष्य जीवन में खेल को अपना कर अस्पतालों और डॉक्टरों से दूर रह सकता है।
अमेटी विश्वविद्यालय में वरिष्ठ खेल निदेशक प्रो. ए.के. उप्पल ने देश, समाज और मनुष्य के लिए खेलों के महत्व पर विचार प्रकट करते हुए कहा कि खेलों में आज युवाओं के लिए बेहतर रोजगार की संभावनाएं बन रही हैं। उप्पल ने खेलों के प्रति युवाओं का रूझान बढाने और उन्हें बेहतर माहौल व प्रशिक्षण देने की बात करते हुए कहा कि इन सब व्यवस्थाओं के लिए अर्थिक पक्ष का मजबूत होना अति आवश्यक है। इसलिए खेलों में निजी क्षेत्र के सहयोग की महती आवश्यकता की बात का भी समर्थन किया।
इस मौके पर दिल्ली विश्वविद्यालय में खेल-कूद परिषद् की डॉ. मीरा सूद, परिषद के संयुक्त सचिव डॉ. मुकेश अग्रवाल भी मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के दौरान डॉ. रेनू गुप्ता ने मंच संचालन किया तथा डॉ. मीरा सूद ने सभी अतिथियों का परिचय दिया। वहीं परिषद के सदस्यों द्वारा उपस्थित अतिथियों का सेमिनार बैज लगाकर स्वागत किया गया।
सेमिनार में देश-विदेश से आए सैंकङों खेल-कूद विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं, शिक्षकों ने शिरकत की।
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