नई दिल्ली, दिल्ली विश्वविद्यालय के खेल विभाग द्वारा "स्पोर्ट्स इकानामिक्स एंड विजन आफ लंदन ओलंपिक-2012" विषय पर तीन दिन तक चले अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का समापन विश्वविद्यालय के कांफ्रेस सभागार में कल शाम को किया गया।
इस समापन समारोह के मुख्य अतिथि भारतीय ओलंपिक संघ के महासचिव राजा रंधीर सिंह थे। उन्होंने अपने वक्तव्य में खेलों के महत्व को स्थापित करते हुए कहा कि आज शिक्षा केवल पुस्तकों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास के लिए खेलकूद एवं अन्य गतिविधियाँ भी महत्वपूर्ण हैं। यहाँ स्कूल और कालेज की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व मंत्री, सांसद एवं भारतीय ओलंपिक संघ के पूर्व पदाधिकारी के.पी.सिंह देव भी उपस्थित रहे। उन्होंने खेल में भागीदारी कम होने का मुख्य कारण सामाजिक सोच को बताते हुए कहा कि आज खेलों के प्रति विद्यार्थी और समाज दोनों की सोच बदलने की आवश्यकता है उन्होंने जीवन में खेलों की सकारात्मक भूमिका पर बल दिया। उन्होंने कहा कि खेल में लोगों को एक करने की अद्भुत क्षमता है।
इस अवसर पर स्पोर्ट्स काउंसिल के अध्यक्ष प्रोफेसर सी.एस दूबे ने खेलों को पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। खेल के माध्यम से पढ़ाई और ज्ञान प्राप्त करने की सहज समझ पैदा होती है।
इससे पूर्व चले अकादमिक सत्रों के दौरान खेलों मे पी.पी.पी. मॉडल यानी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के महत्व पर खालसा कालेज के प्राचार्य डॉ जसविंदर सिंह एवं अर्जुन जे. चौधरी ने संयुक्त प्रस्तुति की। इसमें खेलों में निजी क्षेत्रों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिये पीपीपी मॉडल की अनिवार्यता को कई केस स्टडी के माध्यम से समझाया गया।
स्पोर्ट्स काउंसिल की सचिव डॉ मीरा सूद ने खेलों में प्रायोजन के महत्व को स्थापित किया। उन्होंने अपनी प्रस्तुति में खेल आयोजन में प्रायोजन एवं मीडिया प्रसारण अधिकारों पर भी चर्चा की।
दिल्ली विश्व विद्यालय खेल-कूद परिषद् के सह-सचिव डॉ मुकेश अग्रवाल ने अपनी प्रस्तुति में खेलों के नये आर्थिक पक्ष तथा स्पोर्ट्स इंजरी के क्षेत्र का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि प्रोफेशनल खेलों के आगमन से खेलों में लगने वाली चोटें भी बढ़ती जा रही है। इसलिये यह भी एक क्षेत्र आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडी की डॉ मोनिका सिंहानिया ने खेल और डाइरेक्ट टैक्स विषय पर अपनी प्रस्तुति दी।
डॉ. अनीता घोष ने स्पोर्ट्स फॉर ऑल उद्देश्य को लेकर ओलंपिक अभियान पर अपनी प्रस्तुति दी।
संगोष्ठी के तीनों दिन विद्यार्थियो के लिए समानांतर सत्रों का आयोजन किया गया जिसके अंतर्गत विदेशी विशेषज्ञों के द्वारा भी कार्यशालाओं का आयोजित किया गया।